PM Garib Kalyan Anna Yojana: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 2022
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PM Garib Kalyan Anna Yojana) के मियाद को आगे बढ़ाने को लेकर वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर यानि व्यय विभाग ने सरकार को आगाह किया है मोदी सरकार ने इस योजना की अवधि 31 -03 -22 से लेकर 30 सितम्बर तक बढ़ा दिया है और जायजा लगाया जा रहा है की इस साल के आखरी में गुजरात और हिमाचल प्रदेश होने वाली जो भी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर को योजना की अवधि को आगे भी बढ़ाया जा सकता है लेकिन डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर ( Department Of Expenditure) इस स्कीम को और एक्सटेंड करने के पक्ष में बिलकुल नहीं है व्यय विभाग के मुताबिक अगर इस स्कीम को आगे बढ़ाया जायेगा तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे और सरकार को काफी ज्यादा वित्तीय घाटा हो सकता है
बढ़ सकता है सरकारी खजाने पर बोझ
सरकर ने मौजूद वित्त वर्ष 2022 -23 के लिए फूड्स सब्सिडी के लिए लगभग 2.07 लाख करोड़ का प्रावधान किया था तब सरकार ने गरीब कल्याण योजना की अवधि 31 मार्च 2022 तक के लिए ही थी जब की सरकार इस योजना की अवधि को 30 सितम्बर तक के लिए बढ़ा दिया तभी सरकार का फ़ूड सब्सिडी बिल में 80,000 करोड़ रुपये का इजाफा होने का अनुमान है यही देखते हुए अगर सरकार इस योजना की अवधि को 6 महीने और बढ़ा दिया जाये तो 2022-23 में सरकार को खाद्य सब्सिडी पर 3.70 लाख करोड़ रुपये खर्च करने होंगे यानि बजट अनुमान से 1.63 लाख करोड़ रुपये ज्यादा. जबकि 2021-22 में फूड सब्सिडी के मद में सरकार को 2.86 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे. 0
सरकार को टेक्स घटाने और सब्सिडी खर्च बढ़ाने से बजट बिगड़ा
वित्त विभाग की चिंता और भी बढ़ गई की सरकार ने भविष्य में कोई भी टैक्स में कटौती की या प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक्सटेंशन दिया तो इससे सरकार बजट बिगड़ सकता है.इसलिए डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर ने योजना की अवधि को आगे न बढ़ाने का सुझाव दिया व्यय विभाग के नोट में कहा की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक्सटेंशन देने, खाद सब्सिडी में 1.10 लाख करोड़ रुपया का इजाफा करने पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने जिससे 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है और 200 रुपये एलपीजी सब्सिडी फिर से शुरू करने और खाने के तेल पर कस्टम ड्यूटी घटाने से सरकार के बजट पर इसका गलत प्रभाव पड़ा है.
प्रधानमंत्री ने गरीब कल्याण ने 2022-23 में 6.4 फीसदी राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा है जैसी रेटिंग ऐजेंसी 6.8 फीसदी रोजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) रहने का अनुमान जता रही है. मई महीने के अपने मंथली इकोनॉमिक रिव्यू में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा है कि रोजकोषीय घाटे के बढ़ने से चालू खाते के घाटे ( Currenct Account Deficit) के भी बढ़ने का अनुमान है. साथ ही सरकार ने गरीब कल्याण अन्न योजना को एक्सटेंड करना और खाद्य सुरक्षा ( Food Security) के लिहाज से भी उचित नहीं है.
आइये जानते है की क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
प्रधानमंत्री मोदी गरीब कल्याण अन्न योजना ये मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जो की भारत में 80 करोड़ लोगो को मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराती है. कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के दौरान लोगों को मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराने के मकसद से मोदी सरकार ये योजना लेकर आई थी. इस योजना के तहत 5 किलो मुफ्त चावल या गेंहू, 1 किलो चना 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को दिया जाता है. ये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सब्सिडी पर मिलने वाले राशन के अतिरिक्त है. यानि 5 व्यक्तियों वाले एक लाभार्थी परिवार को 50 किलो अनाज दिया जाता है. जिसमें 25 किलो मुफ्त और 25 किलो में गेंहू 2 या चावव 3 रुपये के दाम पर उपलब्ध कराया जाता है.
Leave a Reply