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PM Garib Kalyan Ann yojana Free Ration नहीं मिलने पर ऑनलाइन करें कंप्लेंट, खत्म होगी परेशानी, सरकार तुरंत एक्शन ले रही

PM Garib Kalyan Ann yojana उत्तर प्रदेश सरकार अगर आपको राशन नहीं मिल रहा है या आपको राशन से संबंधित कोई भी शिकायत (Ration Related Complaint Number) हैं तो आप यहां शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सरकार ने सभी राज्यों के हिसाब से टोल फ्री नंबर और ई-मेल आईडी दिए हैं: जिस पर आप अपनी सभी समस्या का समाधान पा सकते है

कैसे कर सकते हैं शिकायत

Free Ration Card Yojana गरीबों को भूखमरी के संकट से बचाने के लिए सरकार ने राशन कार्ड (Ration Card) के जरिए कम कीमत में गेहूं, चावल, तेल जैसे जरूरी राशन के सामान कम रेट पर उपलब्ध कराती है। कोरोना काल के बाद से सरकार ने फ्री राशन देना शुरू कर दिया था। सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM Garib Kalyan Ann yojana) के तहत देशभर में अभी फ्री राशन की योजना को चलाया है इस योजना का लाभ उठाने के लिए बस आपके पास राशन कार्ड होना अनिवार्य है

डीलरों के खिलाफ कर सकते हैं शिकायत

ऐसे में अगर आपको राशन नहीं मिल रहा है या आपको राशन से संबंधित कोई शिकायत (Ration Related Complaint Number) हैं तो आप यहां शिकायत कर सकते हैं। सरकार ने सभी राज्यों के हिसाब से टोल फ्री नंबर और ई-मेल आईडी जारी की हुई हैं। राशन नहीं मिलने की स्थिति में आप ऑनलाइन शिकायत वेबसाइट और ई-मेल से भी कर सकते हैं।

दिल्ली में रहने वाले इस Toll-Free Number पर करें शिकायत

दिल्ली सरकार की तरफ से राशन नहीं मिलने की शिकायत करने के लिए आप टोल फ्री नंबर का यूज कर सकते हैं। टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करने के लिए आपको (1800110841) पर फोन करना होगा। साथ ही ऑफिस एड्रेस पर जाकर भी शिकायत की जा सकती है।

E-Mail के जरिए ऐसे करें शिकायत

दिल्ली के राशन कार्ड होल्डर को E-Mail से शिकायत करने के लिए [email protected] पर मेल ड्रॉप करना होगा। दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए ही इस पर शिकायत की जा सकती है। साथ ही ऑफिशियल वेबसाइट (http://fs.delhigovt.nic.in) पर भी शिकायत हो सकती है।

उत्तर प्रदेश से लेकर झारखंड तक ये रहे ये सभी राज्यों के हेल्पलाइन नंबर


दिल्ली – 1800110841
जम्मू – 18001807106
कश्मीर – 18001807011
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह – 18003433197
चण्डीगढ़ – 18001802068
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव – 18002334004
लक्षद्वीप – 18004253186
पुडुचेरी – 18004251082
पंजाब – 180030061313
राजस्थान – 18001806127
गुजरात- 18002335500
मध्य प्रदेश- 07552441675, Helpdesk No.: 1967 / 181
उत्तर प्रदेश- 18001800150
उत्तराखंड – 18001802000, 18001804188
पश्चिम बंगाल – 18003455505
कर्नाटक- 18004259339
केरल- 18004251550
मणिपुर- 18003453821
मेघालय- 18003453670
मिजोरम- 1860222222789, 18003453891
महाराष्ट्र- 1800224950
आंध्र प्रदेश – 18004252977
अरुणाचल प्रदेश – 03602244290
असम – 18003453611
बिहार- 18003456194
छ्त्तीसगढ़- 18002333663
गोवा- 18002330022
हरियाणा – 18001802087
हिमाचल प्रदेश – 18001808026
झारखंड – 18003456598, 1800-212-5512
नागालैंड- 18003453704, 18003453705
ओडिशा – 18003456724 / 6760
सिक्किम – 18003453236
तमिलनाडु – 18004255901
तेलंगाना – 180042500333
त्रिपुरा- 18003453665

इन डॉक्यूमेंट के बिना नहीं बन पाएगा राशन कार्ड

आईडी प्रूफ के तौर पर आप अपना आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, हेल्थ कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस दे सकते हैं। इसके अलावा पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, आय प्रमाण पत्र, पते के प्रमाण के तौर पर बिजली बिल, गैस कनेक्शन बुक, बैंक स्टेटमेंट या पासबुक, रेंटल एग्रीमेंट जैसे दस्तावेज भी लगते हैं।

सरकार देने जा रही ‘कॉमन सर्विस सेंटर’ का दर्जा अब राशन की दुकानों पर होंगे बैंक के काम,

राशन कार्ड दुकानों पर लोगों की भारी संख्या में मौजूदगी को देखते हुए बैंकिंग ट्रांजैक्शन की सुविधा शुरू की जा सकती है. राशन दुकानों पर पहले से ही पीओएस मशीनें लगी हैं और दुकानें कंप्यूटराइज हैं. ऐसे में बैंकिंग ट्रांजैक्शन होने से इन दुकानों की आय बढ़ेगी और लोगों को भी इसके लाभ मिलेंगे

अब आपके घर के पास वाली राशन की दुकान (Ration Shop) पहले से और ज्यादा तर कारगर होने जा रही है. अब तक आप राशन दुकान से लेते थे अब आप चावल, आटा या नमक आदि ही लेते थे. अब बहुत जल्द इसी दुकान पर बैंक से जुड़े कामकाज (Banking Transaction) भी निपटा सकेंगे. राशन दुकान पर बैंक के ट्रांजैक्शन भी कर सकेंगे. इसके लिए केंद्र सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि देश में मौजूद लगभग 6 लाख राशन दुकानों को बिजनेस कॉरेसपोंडेंट या बैंक मित्र (Bank Mitra) का दर्जा दिया जाएगा.

इकोनॉमिक टाइम्स के हवाले से ‘बिजनेस इनसाइडर‘ ने लिखा है, देश के 4 लाख फेयर प्राइस शॉप या राशन दुकानों को बिजनेस कॉरेसपोंडेंट में तब्दील किया गया है. एक सरकारी अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि राशन दुकानों पर लोगों की बड़ी तादाद आती है. इससे जाहिर होता है कि राशन की दुकानों को बैंकिंग ट्रांजैक्शन के लिए एक प्रमुख सेंटर बनाया जा सकता है. रीमिटेंस या रुपये-पैसे भेजने का काम प्रमुख तौर पर किया जा सकता है. इसके लिए बैंकों में बड़ी भीड़ दिखाई देती है. इस भीड़ को कम करने के लिए राशन की दुकानों का प्रयोग किया जा सकता है.

बैंक का काम कैसे होगा


एक और अधिकारी ने कहा कि जब तक बैंकों के बीच, यूं कहें कि इंटरबैंक ट्रांजैक्शन नहीं बढ़ता है, तबतक राशन की दुकानों का इस्तेमाल बैंकिंग ट्रांजैक्शन के लिए बहुत अधिक नहीं किया जा सकता. इसके पीछे का आइडिया ये है कि किसी भी बैंक का कस्टमर अपना डेबिट कार्ड लेकर राशन की दुकान पर आता है तो उसका ट्रांजैक्शन होना चाहिए. इस बात को लेकर काम नहीं रुकना चाहिए कि कार्ड किसी और बैंक का है, लेकिन उस बैंक का काम नहीं होगा. इसके लिए बैंकों के बीच इंटरबैंक ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना होगा.

डीपैम ने की पूरी तैयारी


कार्ड और डिजिटल माध्यम से पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए डीपैम या डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट ने टास्क फोर्स बनाया है. डीपैम के सचिव नीरज गुप्ता भी राशन दुकान के इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. आधार से जुड़े पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल कर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ाया जाएगा. इसमें ग्राहक को राशन की दुकान पर आधार की जानकारी देनी होगी. सरकार ने सभी राशन दुकानों पर पॉइंट ऑफ सेल मशीन लगाने का पहले ही निर्देश दे दिया है.

पीओएस मशीनों से मिलेगी मदद


सरकार ने मार्च 2017 तक ही राशन दुकानों पर तीन लाख पीओएस मशीन लगाने का निर्देश दिया था ताकि इन दुकानों को कंप्यूटराइज किया जा सके. सरकार ने मार्च 2019 तक लक्ष्य तय किया था कि देश में सभी 5.35 लाख राशन दुकानों पर ई-पीओएस मशीनें लगा दी जाएंगी और सभी दुकानों को कंप्यूटर से जोड़ दिया जाएगा. नए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत लगभग 44,480 करोड़ रुपये बैंक बैलेंस के साथ लगभग 25 करोड़ खाते खोले गए हैं. इसमें से लगभग 13 करोड़ खातों को आधार से जोड़ दिया गया है और केवल 23% खातों में जीरो बैलेंस है.

खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से एक पत्र भेजकर राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे इस सिस्टम को जल्द शुरू करने की पहल करें. खाद्य मंत्रालय फिलहाल उन राशन दुकानों के लिए एक कलर कोड देने की योजना पर काम कर रहा है, जिन्हें पीडीएस सेंटर के रूप में काम करते हुए सीएससी या कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में भी उपयोग किया जा सके.